क्या सच में मौत की शुरुआत टांगों से होती है?Woman suffering from pain in knee, Injury from workout and osteoarthritis, Tendon problems and Joint inflammation on dark background.

Death begins in the legs” – यह वाक्य सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन जापान, चीन और भारत जैसे देशों में यह कहावत काफी मशहूर है। आयुर्वेद में भी बुढ़ापे को वात दोष से जोड़ कर देखा गया है, जो शरीर में सूखापन, अकड़न और कमजोरी लाता है – खासकर टांगों में।

सीनियर सिटीज़न्स में मसल क्रैम्प्स क्यों बढ़ रहे हैं?

60 साल की उम्र के बाद टांगों में कैम्प्स (मसल्स की ऐंठन) या कसाव महसूस होना एक आम समस्या है। ये दर्द न केवल चलने-फिरने में परेशानी पैदा करते हैं बल्कि यह संकेत भी हो सकते हैं कि शरीर के अंदर कुछ गड़बड़ चल रही है।

एक रिसर्च के मुताबिक, 60 साल से ऊपर के हर तीन में से एक व्यक्ति को नियमित रूप से लेग क्रैम्प्स की समस्या होती है, खासकर रात में – जिसे नॉकचर्नल क्रैम्प्स कहा जाता है। ये दर्द कभी-कभी इतने तेज़ होते हैं कि नींद खुल जाती है।

आखिर टांगों में क्रैम्प्स क्यों होते हैं?

टांगों में क्रैम्प्स के तीन प्रमुख कारण हो सकते हैं:

  1. मिनरल्स की कमी – शरीर में पोटैशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे मिनरल्स का इम्बैलेंस मसल्स को कमजोर बना देता है।
  2. खराब ब्लड सर्कुलेशन – उम्र बढ़ने के साथ-साथ आर्टरीज सख्त हो जाती हैं, जिससे मसल्स तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।
  3. नर्व डैमेज – डायबिटीज जैसी बीमारियों के कारण नर्व्स डैमेज हो जाती हैं, जिससे मसल्स में कैम्स की संभावना बढ़ जाती है।

कुछ दवाएं भी (जैसे डायूरेटिक या बीपी की दवाएं) मसल क्रैम्प्स का कारण बन सकती हैं।

घबराइए नहीं! यहां है समाधान

अगर आपके माता-पिता या घर में कोई बुजुर्ग बार-बार लेग क्रैम्प्स की शिकायत करते हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। नीचे दिए गए आसान घरेलू उपायों से इस समस्या को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है:

1. रात को सोने से पहले हल्की स्ट्रेचिंग करें

पिंडलियों और जांघों की हल्की स्ट्रेचिंग करने से मसल्स रिलैक्स होती हैं और क्रैम्प्स की संभावना कम हो जाती है।

2. गर्म तेल से मसाज करें

सरसों का तेल, नारियल का तेल या देसी घी लेकर पैरों की नियमित मालिश करें। यह ब्लड फ्लो को सुधारता है और मसल्स को आराम देता है।

3. दिन में थोड़ी-थोड़ी देर में चलें-फिरें

एक ही जगह बैठने से बचें। हर घंटे में 5-10 मिनट की वॉक मसल्स को एक्टिव और सर्कुलेशन को ठीक रखती है।

4. पर्याप्त पानी पिएं

डिहाइड्रेशन भी क्रैम्प्स का बड़ा कारण है। दिनभर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी पीते रहिए।

5. दवाओं की जांच करें

अगर आप किसी मेडिकेशन पर हैं, तो डॉक्टर से जरूर पूछिए कि क्या उनके कारण यह समस्या हो रही है। जरूरत हो तो दवाएं बदली जा सकती हैं।


टॉप 3 फूड्स जो मसल क्रैम्प्स को कम करते हैं

अब बात करते हैं उन सुपरफूड्स की, जिन्हें आप अपने माता-पिता या बुजुर्गों की डाइट में शामिल कर सकते हैं:

1. केला और भीगी हुई मुनक्का

केला पोटैशियम का बेहतरीन स्रोत है जबकि मुनक्का में मैग्नीशियम और आयरन होता है। यह कॉम्बिनेशन मसल्स को रिलैक्स करता है और सर्कुलेशन को सुधारता है। रोज़ाना 1 केला और 4-5 मुनक्का सुबह खाएं।

नोट: डायबिटीज़ के मरीज डॉक्टर की सलाह लेकर ही लें।

2. तिल (सफेद या काले)

तिल में कैल्शियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होता है। ये मसल्स को मजबूत और हड्डियों को ताकत देते हैं। सर्दियों में इसका सेवन अधिक लाभकारी होता है। आप तिल को भूनकर दूध या चटनी में डालकर खा सकते हैं।

3. हल्दी वाला दूध (Golden Milk)

रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी और एक चुटकी काली मिर्च डालें। यह मसल्स को आराम देता है, दर्द कम करता है और नींद को भी बेहतर बनाता है।


निष्कर्ष: टांगों की कमजोरी को न करें नजरअंदाज़

मसल क्रैम्प्स एक छोटे दर्द की तरह लग सकते हैं लेकिन ये शरीर में किसी बड़ी कमी का संकेत हो सकते हैं। सही खानपान, थोड़ी सी स्ट्रेचिंग, पानी की सही मात्रा और घरेलू उपायों से आप इसे काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं।

👉 अगली बार जब आपके पेरेंट्स के पैरों में क्रैम्प आए, तो उसे इग्नोर न करें। यह शरीर का तरीका है आपको चेतावनी देने का – इसे समझें और समय रहते समाधान करें।


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